How to Improve Communication Skills

आज के वैश्विकरण के दौर में जहाँ दुनिया लगातार छोटी होती चली जा रही है और कॉम्पिटिशन लगातार बढ़ता जा रहा है, लोगों से मिलना जुलना और स्वयं आगे बढ़ने की होड़ बढ़ती जा रही है ऐसे में अगर हम में सही communication skills नहीं होंगी, हमें लोगों से बात करने का सही तरीका नहीं पता होगा या फिर लोगों के सामने अपनी बात को सही तरीके से रखने में अगर हम हिचकिचाएंगे तो न सिर्फ इस प्रतिस्पर्धा में बहुत पीछे छूट जाएंगे बल्कि साथ ही साथ जैसा कि मैंने देखा है बहुत सारे लोग इस कारण से अक्सर Depression में भी चले जाते हैं और उनके अंदर का डर उनको धीरे धीरे अंदर ही अंदर मारता रहता है।

अब सवाल ये है के ऐसे लोग करे तो क्या करे? किस तरह अपने अंदर के इस डर अपने Depression को खत्म करे? जवाब है अपनी communication skills को सुधार कर। लेकिन सवाल अभी भी वही है, कैसे?????

तो मेरे दोस्त communication skills को सुधारने के कई तरीके होते है जिनके लिए अक्सर बहोत सारे लोग बहोत सारे पैसे खर्च करके क्लास लेते हैं, और फिर भी बहोत कम सीख पाते हैं क्योंकि वे लोग उस सीखे हुए को सही तरह से apply करना नहीं जानते। लेकिन हम आज उनको वो सब कुछ बताने वाले है जिनकी आप को जरूरत है वो भी एकदम फ्री….

अपनी communication skills को सुधारने के लिए आपको जिन चीजों की जरूरत है वो इस प्रकार हैं-

Act Confident

Confidence ये वो एक चीज है, जिसके बारे में हमें सबसे ज्यादा सुनने को मिलता है, जिसके बारे में सब बोलते है, confident रहो लेकिन दोस्त कहने और करने में फर्क होता है। बहुत बड़े और फेमस एक्टर और काफी फेमस एंकर भी अक्सर  जब पब्लिक स्पीकिंग करते हैं तो स्टेज पर जाने के ठीक पहले उनको भी थोड़ी बहोत nervousness होती है, जो कि एक बहोत ही normal बात है। ऐसी परिस्तिथि में आप जब confident न हो पा रहे हो confident होने की acting करो। आप सोचोगे क्या बकवास कर रहा है ये बंदा, है ना। लेकिन ये सच है, लोग वो देखते हैं जो आप उन्हें दिखाते हो वो नहीं जो आप कभी अपने अंदर से बाहर आने ही नहीं देते, लोग आपको देख कर आपके acts से आपके confidence के लेवल को feel करते है। तो अब से कभी किसी के सामने खुद को कमजोर मत दिखाना बल्कि मजबूत और confident दिखाना क्योंकि जैसा लोग देखते है वैसा ही समझते हैं।

Body Language

अक्सर जब हम किसी से बात करते हैं तो सामने वाला व्यक्ति सिर्फ हमारे शब्दों को ही नही सुन रहा होता है बल्कि वो हमें देख भी रहा होता है, हमारे हाव भाव हमारे हाथों को use करने का तरीका, हमारे कपड़े सब कुछ स्रोता पर एक बहोत ही खास प्रभाव डालती हैं।

जब भी आप public speeking करें या professionally किसी से भी बात करे तो सबसे पहले अपनी dressing sense पर ध्यान दीजिये। जब आप well dressed होंगे तब आप पाएंगे के आपमें एक खास तरह का confidence buildup हो जाता है तो अपनी dressing sense पर ध्यान दीजिए। इसके अलावा जब आप बात करते वक्त या बोलते वक्त किसी बात को समझाने का प्रयास करते हैं, तो अपने हाथों का थोड़ा बहोत moovement करें किन्तु सामान्य स्पीच देते वक्त अपने हाथों को पीछे या सामने की ओर शांत अवस्था मे रखें, और कभी भी बोरिंग या उदासी भरा स्पीच देने से बचने का प्रयास करें। 

Keep Patience

कहते हैं कि, “एक अच्छा स्रोता ही एक अच्छा वक्ता हो सकता है।” कहने का तात्पर्य यह है कि कभी भी यदि आप ग्रुप में हैं तो या किसी के साथ Discussion के रूप में बात कर रहे है तो कभी भी सामने वाले कि बात को बीच मे काटने का प्रयास न करें पूरे धैर्य के साथ सामने वाले कि बात को सुने और बोलने के लिए अपनी बारी आने का इंतज़ार कीजिये और अपनी बारी आने पर ही बोलना शुरु कीजिये। 

    ऐसा करने के दो महत्वपूर्ण फायदे है पहला यह कि अगर आप बीच मे बोलते है या बात को काटने का प्रयास करते है तो आप असभ्य और धैर्यहीन व्यक्ति के रूप में अपनी पहचान बना बैठेंगे लेकिन यदि आप अपनी बारी का वेट करेंगे और सही समय पर ही बोलेंगे तो आप सभ्य और धैर्यशील और एक डिसिप्लिनड व्यक्ति के रूप में अपनी पहचान बनाएंगे। दूसरा महत्वपूर्ण फायदा इससे आपका यह होगा कि अक्सर हमें हर चीज के बारे में जानकारी नही होती है या किसी एक चीज के बारे में जिसके बारे में हमे जानकारी है भी के बारे में अक्सर सभी पहलुओं के बारे में हम नही जानते लेकिन हो सकता है सामने वाला व्यक्ति उस बात या उस पहलू के बारे में बेहतर जनता हो तो इस तरह धैर्य से सुनने से हमे वह जानकारी स्वतः प्राप्त हो जाएगी।

Collect the Data

ये कहना गलत नहीं होगा कि communication करने के लिए ये सबसे जरूरी चीज है। यहां data का मतलब जानकारी से है, अगर आपको पब्लिक स्पीकिंग करनी है या कही भी communication करना है तो आप जिस विषय पर बोलने जा रहे है, सबसे जरूरी है कि उससे संबंधित सारी या ज्यादा से ज्यादा जानकारी आपके पास होनी चाहिए ऐसा न होने पर निश्चित रूप से आप या तो हँसी के पात्र बन जाएंगे या आपका Public speeking का अनुभव इतना बुरा होगा जिसके कारण आप को आगे चलकर शर्मिन्दगी भी हो सकती है। तो जरूरी है कि आप के पास सम्बंधित विषय के अधिक से अधिक data आपके दिमाग मे मौजूद हो।

Speak what you really know

सदैव उसी विषय पर बोलने का प्रयास कीजिये जिसके बारे में आप वास्तव में जानते हों। क्योकि अक्सर लोग उन विषयों पर बोलने का प्रयास करते हैं जिसके बारे में उनको वास्तव में कोई जानकारी नहीं होती और ऐसे में वो लोग न चाहते हुए भी हँसी के पात्र बन जाते है या अक्सर उनकी speech भ्रम का कारण बन जाती है और बाद में उन लोगो को माफी भी मांगनी पड़ती है। ऐसे कई राजनेताओ के भाषण अपने सुने होंगे जिनको सुनने के बाद अक्सर जनता के बीच वे लोग हँसी के पात्र बन जाते हैं मैं यहां किसी का नाम नही लूंगा लेकिन आप निश्चित रूप से ऐसे बहोत सारे पप्पुओं को जानते होंगे। 

Relate with Story

हम जब भी कहानी सुनते है या जब भी कहानियों का जिक्र आता है जो हमारी उस बात में जिज्ञासा अक्सर ही बढ़ जाती है, और हम उस बात को और भी ज्यादा ध्यान लगाकर सुनते हैं। 

आपने भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के भाषण सुने होंगे वो अक्सर स्पीच देते वक्त अपने बचपन की किसी घटना का जिक्र करते हैं और फिर उस घटना को अपने स्पीच से संबंधित करते हुए एक मनोरंजक मोड़ दे देते हैं, जिससे स्रोताओं को अपने शब्द जाल में बांध से लेते हैं।

इसी प्रकार जब आप को लंबी स्पीच देनी हो तो तो अपनी स्पीच से संबंधित किसी कहानी को relate करते हुए speech दीजिये आप पाएंगे कि स्रोता आपके शब्दों से बंधे हुए से आपको बिना बोर हुए बहोत ही चाव से सुनेंगे।

Give the Value

ये पब्लिक स्पीकिंग का सबसे महत्वपूर्ण भाग है, सोचिये कोई क्यों आपको अपना कीमती वक्त देगा, कोई क्यो आपको सुनेगा तभी न जब उसे इससे कोई लाभ होगा। तो सीधी सी बात है आपको अपनी स्पीच को इस प्रकार से तैयार करना होगा जो स्रोताओं को कुछ न कुछ इनपुट प्रदान करे इससे उन्हें किसी न किसी तरह का लाभ दिखाई दे तथा अपने वक्त का सही और लाभदायक उपयोग दिखाई दे वर्ना कोई भी आपकी बात को आपकी स्पीच को महत्व नही देगा क्योकि आज के उपभोक्तावादी युग मे हर किसी को फायदा सबसे पहले दिखाई देता है। तो अपनी स्पीच के केंद्र में ऐसी कोई विषयवस्तु जरूर रखें जिससे आपको सुनने वाले स्रोता को कभी भी ये ना लगे कि उसने अपना टाइम waste किआ है बल्कि उसे लगना चाहिए कि इस समय का इससे अच्छा उपयोग और कोई नहीं हो सकता था और इस स्पीच से मुझे वास्तव में लाभ हुआ है।

आप इन उपायों को अपनाइए और हमे feedback जरूर दीजिये कि आपके लिए इनमें से कौन सा उपाय अधिक लाभदायक रहा।

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